उखीमठ ओमकारेश्वर मंदिर रुद्रप्रयाग | Ukhimath Omkareshwar Temple
उखीमठ
उखीमठ उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में पड़ता है ये रुद्रप्रयाग जिले का ब्लोक भी है यहीं पर ओमकारेश्वर भगवान का प्राचीन मंदिर भी है आंखों को आपना दीवाना बनाती यहाँ की गजब की खूबसूरती ठण्डी हवाएं कानों में आकर कुछ गुन गुनातीहै|
उत्तराखंड के पहाडों की इन सुंदर वादियों में हमारा सफर शुरू होता है हम जा रहे हैं उत्तराखंड की इक खूब सुरत जगह उखीमठ ओमकारेश्वर मंदिर,
उखीमठ से शानदार हिमालय श्रृंखला की बर्फ से ढकी चोटियाँ स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं। उखीमठ के ठीक सामने दूसरी पहाड़ी पर गुप्तकाशी दिखाई देता है| उखीमठ एक हिंदू तीर्थ स्थल है| जो पञ्च केदारों का गद्दी स्थल भी है जहाँ पञ्च केदारों की दिव्य मूर्तियां एवं शिवलिंग स्थापित हैं
मान्यता है की जो श्रद्धालु पंच केदारों की कठिन यात्रा को नहीं कर पाता है वह यहां पर आकर पंच केदार के दर्शन करते हैं मान्यता है कि इस मंदिर में किये दर्शनों से पंचकेदार यात्रा का पुण्य प्राप्त हो जाता है।
मंदिर में प्रवेश करने का विशाल सिंहद्वार है, यह द्वार खूबसूरती में बदरीनाथ धाम के मुख्य प्रवेश द्वार के बाद उत्तराखंड में दूसरा स्थान रखता है।
सर्दियों में जब केदारनाथ धाम और मध्यमेश्वर के कपाट बंद हो जाते हैं| तो दिव्य चल विग्रह डोली ऊखीमठ ओंकारेश्वर मन्दिर के गर्भ गृह में स्थापित कि जाती हैऔर 6 महीने यहीं पर पूजा अर्चना की जाती है
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पुरातात्विक सर्वेक्षणों से इस मंदिर का पता चला है कि ये मन्दिर प्राचीन धारत्तुर परकोटा शैली में निर्मित है |कहा जाता है कि इस मंदिर के अलावा सिर्फ काशी विश्वनाथ (वाराणसी) और सोमनाथ मंदिर में भी धारत्तुर परकोटा शैली पहले उपस्थित थी।
उखीमठ पौराणिक कथा
उखीमठ का नाम हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, उषा जो बाणासुर की बेटी थी और अनिरुद्ध जो भगवान कृष्ण के पोते थे इनकी शादी यहां हुई थी। कहते हैं उषा के नाम से ही इस जगह का नाम उषमठ पड़ा था जिसे अब ऊखीमठ,उखीमठ, के नाम से जाना जाता है। उखीमठ में केदारनाथ के प्रमुख पुजारी रावल रहते हैं
उखीमठ के आस-पास घूमने वाली जगह
उखीमठ के आस-पास स्थित घूमने वाली वेसे तो अनेक जगह हैं उनमें से मधमहेश्वर (दूसरा केदार), तुंगनाथ (तीसरा केदार) और देवरिया ताल कालीमठ और कई अन्य सुंदर स्थानों पर भी जा सकते है
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उखीमठ केसे पहुंचें
उखीमठ पहुंचने के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश, और एयरपोर्ट जौली ग्रांट देहरादून में है वहां से आप देवप्रयाग होते हुए श्रीनगर रुद्रप्रयाग अगस्त्यमुनि होते हुए उखीमठ पहुंच सकते हैं|
जगह कुण्ड जगह यहाँ से केदार नाथ और उखीमठ के लिए रस्ते अलग अलग हो जाते हैं आप यहीं से उखीमठ होकर भी बद्रीनाथ भी जा सकते हैं| उखीमठ रुद्रप्रयाग से 40 किलोमीटर की दूरी पर है और गुप्तकाशी से लगभग 14 किलोमीटर है|
सुनील जमलोकी
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