कोटेश्वर महादेव गुफा रुद्रप्रयाग,Koteshwar Mahadev Cave
कोटेश्वर महादेव
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित कोटेश्वर महादेव का गुफा shwar Mahadev Cave रुद्रप्रयाग से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अलकनंदा नदी के किनारे प्राचीन मंदिर है|
कोटेश्वर महादेव गुफा की यह गुफा सीधी खड़ी बड़ी चट्टानों के बीच से निकलते पेड़ और चट्टानों पर लगी विशेष किस्म की वनस्पतियों के बीच शांत अलकनंदा की सुंदरता
देखते ही बनती है। गुफा के अंदर प्राकृतिक रूप से बनी मूर्तियां और शिवलिंग प्राचीन काल से स्थापित हैं।गुफा के बहार बहती हुई अलकनंदा नदी का सुंदर दृश्य श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है
कोटेश्वर महादेव गुफा के बारे में कहते हैं सावन के महीने में नदी एक बार गुफा में प्रवेश कर के शिवलिंग को जल चढ़ाती हैं| महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां एक मेले का आयोजन भी होता है जिसमें भक्त लोग दूर-दूर से यहां शामिल होते हैं| इस गुफा के अलावा मंदिर के आस-पास माँ पार्वती, श्री गणेश जी, हनुमान जी, और माँ दुर्गा की जो मूर्तियाँ है, वो भी प्राकृतिक रूप से प्रकट हुई है |

मंदिर की पौराणिक कथा :-mythology
कोटेश्वर महादेव मंदिर के बारे में यह कहा जाता है कि भगवान शिव Lord Shivaने भस्मासुर से बचने के लिए इस मंदिर के पास मौजूद गुफा में रहकर कुछ समय बिताया था | भस्मासुर ने शिवजी की आराधना करके ये केदारनाथ धाम के दर्शन करने से पहले कोटेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन कर लेने से सातो जन्म के पापो से मुक्ति मिल जाती है |
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वरदान प्राप्त किया था कि जिसके सिर पर भी वो हाथ रख देगा , वो उसी क्षण भस्म हो जायेगा | भस्मासुर भी बड़ा तेज था , इस वरदान को आजमाने के लिए उसने भगवान शिव को ही चुना | फिर क्या था, शिवजी आगे-आगे और भस्मासुर उनके पीछे-पीछे पड़ने लगा | कोटेश्वर महादेव मंदिर के बारे में यह कहते है कि भस्मासुर से बचने के लिए शिवजी ने कोटेश्वर महादेव मंदिर के पास स्थित इस गुफा में रहकर कुछ समय बिताया था |
बाद में भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण करके भस्मासुर का संहार करते हुए शिवजी की सहायता की थी | लोगों का यह भी मानना है कि कौरवों की मृत्यु के बाद जब पांडव मुक्ति का वरदान मांगने के लिए भगवान शिव को खोज रहे थे , तो भगवान शिव इसी गुफा में ध्यानावस्था में रहे थे। मंदिर की यह मान्यता है कि केदारनाथ धाम के दर्शन करने से पहले कोटेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन कर लेने से सातो जन्म के पापो से मुक्ति मिल जाती है |
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