छठ पूजा Chhath Puja,में किन की पूजा होती और कैसे मनाते हैं

छठ पूजा Chhath Puja

छठ पर्व (Chhath Puja)मुख्य रूप से प्रकृति की पूजा का पर्व है । यह पूर्वी भारत के बिहार, झारखण्ड, उत्तर प्रदेश में मुख्य रूप से मनाया जाता है और इसके अलावा नेपाल और मॉरीशस जैसे देश में भी मनाते हैं। वैसे इन इलाकों के लोग देश विदेश जहां भी रहते हैं वहां यह त्योहार मनाया जाता है । इस व्रत में सूर्य देवता की पूजा की जाती है, जिसे सभी प्राणियों के जीवन का आधार कहा जाता हैं… सूर्य के साथ-साथ षष्‍ठी देवी जिसे छठ मैया की भी पूजा की जाती है।

छठी मैया कौन है

सृष्‍ट‍ि की अधिष्‍ठात्री प्रकृति देवी के एक प्रमुख अंश को देवसेना कहा गया है। प्रकृति का छठा अंश होने के कारण इन देवी का एक प्रचलित नाम षष्‍ठी है।षष्‍ठी देवी को ही स्‍थानीय बोली में छठ मैया कहा गया है, जो नि:संतानों को संतान देती हैं और सभी बालकों की रक्षा करती हैं।

 https://livecultureofindia.com/छठ-पूजा-chhath-puja-कैसे-मनाते-हैं/ ‎

छठ पूजा Chhath Puja की शुरुआत कैसे हुई? पुराण की कथा क्‍या है?

छठ पर्व की शुरूआत को लेकर कई पौराणिक कथाएं हैं लेकिन मुख्य रूप से माना जाता है कि द्रौपदी ने पांच पांडवों के बेहतर स्वास्थ्य और सुखी जीवन लिए छठ व्रत रखा था और सूर्य की उपासना की थी, जिसके बाद पांडवों को उनको खोया राजपाट वापस मिल गया था।

छठ पूजा Chhath Puja व्रत की विधि

छठ पूजा Chhath Puja कार्तिक शुक्ल चतुर्थी को व्रत की शुरुआत ‘नहाय-खाय’ के साथ होती है। इस दिन व्रत करने वाले शुद्दता से भोजन बनाकर ग्रहण करते हैं भोजन दाल चावल और कद्दू से तैयार होता है और बाद में घर के सारे लोग प्रसाद के तौर पर ग्रहण करते हैं।

दूसरे दिन, कार्तिक शुक्ल पंचमी को शाम में मुख्‍य पूजा होती है. इसे ‘खरना’ कहा जाता है। प्रसाद के रूप में गन्ने के रस या गुड़ में बनी खीर चढ़ाई जाती है। कई घरों में रोटी या चावल का पिट्ठा भी बनाया जाता है। दिन भर उपवास के बाद व्रती इस प्रसाद को ग्रहण करती है और पूजा होती है । इस प्रसाद का विशेष महत्त्व होता है और जिनके सभी लोग उन घरों में जाकर प्रसाद ग्रहण करते हैं, जिन घरों में पूजा होती है।एक बार प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रती कुछ खाती पीती नहीं ।

आप इन्हें भी पढ़ सकते हैं और वीडियो देखने के लिए नीचे क्लिक करें

Deepawali 2021 | दिवाली में लक्ष्मी पूजा शुभ मुहूर्त

चम्बा उत्तराखंड का खुबसूरत पर्यटक स्थल में से एक है

अपने घर के मंदिर में पूजा और ध्यान रखने वाली जरूरी बातें

शिवलिंग की महत्ता उनकी रचना और रूपों का निर्माण

Natural Protein Facial Peck for Dry Skin | नेचुरल फेस पेक

दिल को रखें फिट रखने के लिए अपने खाने की डाइट में इन्हें शामिल करें

बाबा तुंग नाथ यात्रा की विडियो देखें 

तीसरे दिन, कार्तिक शुक्ल षष्‍ठी की शाम को अस्‍ताचलगामी सूर्य को अर्घ्‍य दिया जाता है। व्रती के साथ-साथ सारे लोग डूबते हुए सूर्य को अर्घ्‍य देते हैं।इसमें फल फूल के साथ ठेकुआ चढाया जाता है जिसे आटे और गुड़ से बनाया जाता है शुद्ध घी में तलकर। इसे मिट्टी के चूल्हे पर बनाया जाता है । पानी में खड़े होकर बांस से बने सूप में सारा प्रसाद लेकर सूर्य को समर्पित करते हुए अर्ध्य देते हैं।

https://livecultureofindia.com/खरना-व-छठ-पूजा-महामुहूर्त/
चौथे दिन, कार्तिक शुक्ल सप्‍तमी को उगते सूर्य को अर्घ्‍य देने के बाद पारण के साथ व्रत की समाप्‍त‍ि होती है।

ज्‍यादातर महिलाएं ही छठ पूजा Chhath Puja करती हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि पुरूष नहीं कर सकते , बहुत से पुरूष भी ये कठिन व्रत करते हैं । यह पूजा किसी खास जाति धर्म या समुदाय के लोग मनाते हैं ऐसा नहीं है । इस पूजा में समाजिक संदेश भी छिपा हुआ है क्योंकि सूर्यषष्‍ठी व्रत में लोग उगते हुए सूर्य की भी पूजा करते हैं, डूबते हुए सूर्य की भी उतनी ही श्रद्धा से पूजा करते हैं। सूर्य देवता को बांस के बने जिस सूप और डाले में रखकर प्रसाद अर्पित किया जाता है, उसे सामा‍जिक रूप से अत्‍यंत पिछड़ी जाति के लोग बनाते हैं। इससे सामाजिक संदेश एकदम स्‍पष्‍ट है।

बिहार से छठ पूजा Chhath Puja का विशेष संबंध माना जाता है ,बिहार में सूर्य पूजा सदियों से प्रचलित है। सूर्य पुराण में यहां के देव मंदिरों की महिमा का वर्णन मिलता है। यहां सूर्यपुत्र कर्ण की जन्मस्थली भी है। इस प्रदेश के लोगों की आस्‍था सूर्य देवता में ज्‍यादा है।

 https://livecultureofindia.com/छठ-पूजा-chhath-puja-कैसे-मनाते-हैं/
कार्तिक के अलावा छठ व्रत चैत्र शुक्‍ल पक्ष में चतुर्थी से लेकर सप्‍तमी तक किया जाता है।इसे आम बोलचाल में चैती छठ कहते हैं।इस पूजा में कुछ लोग जमीन पर बार-बार लेटकर, कष्‍ट सहते हुए घाट की ओर क्‍यों जाते हैं?आम बोलचाल की भाषा में इसे ‘कष्‍टी देना’ औऱ भूपरि भी कहते हैं, जब किसी की कोई मन्नत पूरी होती है तो वो ऐसा करते हैं।
छठ पर्व में छठ पूजा Chhath Puja, के गीत भी बहुल लोकप्रिय हैं , यह केवल कार्तिक महीने में ही गाये जाते हैं । पूरी दुनिया में छठ के गीत सुने और पसंद किेए जाते है जो बहुत कर्णप्रिय हैं । यह गीत पूजा के दौरान व्रती और उनके साथ के लोग गाते हैं।

     श्वेता श्रीवास्तव