दीपावली पूजन में 10 बातों का रखें ध्यान घर में होगी महालक्ष्मी की कृपा
दीपावली पूजन
दीपावली के दिन महालक्ष्मी की पूजा में कोई भी त्रुटि न हो जाए इसलिए इस दिन दीपावली पूजन की सारी तैयारी तथा विधि करने से पूर्व जरूर रखें इन मुख्य बातों का ध्यान।
दीपावली पूजन में महालक्ष्मी और श्री गणेश जी का पूजन किया जाता है। जिस से महालक्ष्मी तथा गणेश के आशीर्वाद से आती है घर में सुख और समृद्धि आती है।
महालक्ष्मी की पूजा में कोई भी गलती न हो,इसलिए इस दिन पूजा की सारी तैयारी करने से पूर्व जरूर रखें इन बातों का ध्यान। चलिए जानें किन बातों का ध्यान रखते हुए करें पूजन आरम्भ
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दीपावली पूजन में 10 महत्वपूर्ण ध्यान रखने वाली बातें
1. दीपावली पूजन के दिन पूजा में सर्वप्रथम एक सुंदर और साफ चौकी का इंतजाम करें उसके उपर लाल अथवा पीला वस्त्र बिछा कर सबसे पहले उस स्थान को गंगाजल से पवित्र करें,
फिर चौंकी के ऊपर भी गंगाजल छिडके फिर उसके ऊपर महालक्ष्मी तथा श्रीगणेश की मूर्तियां स्थापित कर दें। यहां पर ध्यान रहे कि मूर्तियों का मुख पूर्व या पश्चिम में दिशा में रहे। महालक्ष्मी को गणेशजी के दाहिनी ओर विराजमान करें।
2. दीपावली पूजन करने वाले घर के सभी लोग मूर्तियों के सामने की तरफ बैठें।
3. इसके पश्चात एक कलश को लक्ष्मीजी के पास चावलों पर विराजमान करें। कलश के ऊपर पानी वाले नारियल पर लाल वस्त्र इस प्रकार लपेटे कि नारियल का अग्रभाग दिखाई दें।
3. इस कलश को वरुण देव का प्रतीक माना जाता है।कलश के पास ही दो बड़े दीपक रखें जिसमें से एक दीपक घी का और दूसरा दीपक तेल का प्रज्जवलित करें। उनमें से एक दीपक को चौकी के दाईं ओर रखें तथा दूसरे दीपक को मूर्तियों के चरणों के पास रखें। एक दीपक अलग से घी का गणेश जी के पास रखें।
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4. अब मूर्तियों वाली चौकी के बिल्कुल सामने एक छोटी चौकी रखें उसके ऊपर लाल वस्त्र बिछा दें। जहा कलश रखा हो उसकी ओर एक मुट्ठी चावल के द्वारा लाल वस्त्र पर नवग्रह के प्रतीक बनाएं।
5. श्रीगणेशजी की तरफ चावल से सोलह (16) प्रतीक बनाएं जो षोडष मातृका का प्रतीक माने जाते हैं। नवग्रह और षोडश मातृका के मध्य में गणेश जी के प्रतीक स्वस्तिक का चिह्न बनाएं।
6. इसके पश्चात स्वास्तिक के बीच में सुपारी रखें। जो चौकी नीचे रखी है उसके सामने तीन थाली और जल भरकर कलश रखें।
7. थालियों में पूजा में प्रयोग आने वाली इन जरूरी वस्तुओं को व्यवसित रूप से रखें वो जरूरी वस्तुएं है —
8- ग्यारह दीपक रखें।
9- खील, बताशे, मिठाई, वस्त्र, आभूषण, चन्दन का लेप, सिन्दूर, कुंकुम, सुपारी, पान
10- फूल, दुर्वा, चावल, लौंग, इलायची, केसर-कपूर, हल्दी-चूने का लेप, सुगंधित पदार्थ, धूप, अगरबत्ती, एक दीपक।
इसके बाद पूर्ण विधि-विधान से महालक्ष्मी और श्रीगणेश का पूजन आरम्भ करें।
दीपावली पूजन करने के बाद पूरे घर में कपूर की धूप दिखाएं और गंगाजल का छिड़काव पूरे घर पर करें।
दीपावली पूजन के अंत में महालक्ष्मी तथा गणेश जी की आरती कर के प्रसाद ग्रहण करें।
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