giloy ke aushadheey gun | गिलोय के फायदे | Benefits of Giloy

गिलोय Giloy

गिलोय Giloy (Tinospora cordifolia) को गुडुची भी कहते हैं।  ये औषधीय गुण से भरपूर अमृत के समान फलदायी होने के कारन इसको अमृता या अमृतबल्ली भी कहते हैं। यह लगभग पूरे भारत मे पायी जाती है और हर मौसम मे उपलब्ध रहती है।
यह एक झाड़ीदार लता है जो प्राय नीम, आम आदि पेड़ों पे कुंडलाकार चड़ती है। घरों मे भी इसको आसानी से उगाया जा सकता है इसलिए सभी लोग इसका लाभ ले सकते हैं।

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गिलोय की बेल

गिलोय Giloy प्रयोग का तरीका-

गिलोय को स्वरस, क्वाथ (काडा), सत्व, बटी, चूर्ण आदि कही रुपों मे सेवन किया जा सकता है लेकिन स्वरस, काड़ा एवं सत्व श्रेष्ठ लाभकारी हैं।

गिलोय स्वरस-Giloy swaras – गिलोय की कोमल डंडि को छोटे छोटे टुकड़ो मे काटकर, पानी के साथ मिलाकर मिक्स्चर मे पीसकर छानने से प्राप्त रस गिलोय का स्वरस है। इसमें सुविधानुसार शहद आदि भी मिलाया जा सकता है।

गिलोय Giloy काड़ा-

गिलोय की पांच इंच लंबी डंडि को छोटे टुकड़ो मे काटकर थोड़ा कूटकर उसको एक कप पानी मे आधा पानी शेष रहने तक उबाल कर पश्चात छान लें। यह गिलोय काडा है। इसमे आवश्यक्तनुसर लौंग,

अदरक, काली मरिच, शहद आदि भी मिला सकते हैं। कही लोग सुबह चाय के बजाय यही काड़ा पीते हैं जिससे शरीर की सभी क्रियाएं सुचारू रूप से होती रहती है।

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गिलोय की पत्ती

गिलोय Giloy  सत्व-

गिलोय सत्व बनाने की प्रक्रम थोड़ा detail है इसमे कही बार छानना और सुखाना पड़ता है। यह दुकान मे तैयार भी मिल जाता है।
इसके अलावा बटी भी आसानी से दुकानों पे मिल जाती हैं।

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गिलोय Giloy के उपयोग एवं लाभ–

गिलोय Giloy  को सौ मर्ज की एक दवा के नाम से भी जाना जाता है। अकेले ही अनेक रोगों की औषध तो है ही साथ ही अन्य द्रव्यों के साथ मिला के प्रयोग करने पे लगभग सभी रोगों मे इसका उपयोग हो सकता है।

1-गिलोय Giloy  एक उत्तम रसायन है जिसके सेवन से बुढापा जल्दी नहीं आता इसलिए इसे anti aging agent भी कहते हैं। इसके नियमित सेवन से शरीर का पूरा तन्त्र सही रहता है और ब्यक्ति शरीरिक एवं मान्सिक रूप से तंदुरुस्त रहता है।

2-गिलोय Giloy   मे रोग प्रतिरोधक शक्ति उत्तम मात्रा मे रहती है इसलिए इसको सुपर immune booster भी कहते हैं।
3-गिलोय blood से शुगर की मात्रा कम करता है, इसलिए डायबिटीज के रोग की श्रेष्ठ दवा है गिलोय।

जो लोग गिलोय का नियमित सेवन करते हैं उनको मोटापा नहीं होता है और अगर मोटापा है तो धीरे धीरे ठीक हो जाता है। मोटापा एवं शुगर मे गिलोय के काड़ा का उपयोग अधिक लाभकारी है।

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4-गिलोय उत्तम कफ नाशक है इसलिए सर्दी जुकाम, खांसी अस्थमा मे गिलोय काडे के साथ उसमे काली मरिच, लवंग चूर्ण हल्दी, आदि मिलाकर प्रयोग किया जाता है। पुरानी अस्थमा मे गिलोय रामबान औषधि है।

5-ज्वर चाहे किसी भी प्रकार हो उसमे गिलोय आदि काल से ही प्रयोग की जाती है। जीर्ण ज्वर, डेंगू, मलेरिया सभी मे गिलोय का चूर्ण या काड़ा उत्तम है। डेंगू मे रोगी ज्वर के कारण नहीं मरता बल्कि blood platelets की कमी से मरता है। गिलोय एवं पपीते के पत्तों का स्वरस blood platelets को तुरंत बड़ा देता है।

Ministry of AYUSH  आयुष मंत्रालय के अनुसार गुडुची का विभिन्‍न विकारों से निपटने में चिकित्‍सीय उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग एक एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक, एंटी-हाइपरलिपिडेमिक, हेपेटोप्रोटेक्टिव, कार्डियोवस्कुलर प्रोटेक्टिव, न्यूरोप्रोटेक्टिव, ऑस्टियोप्रोटेक्टिव, रेडियोप्रोटेक्टिव, एंटी-ऐंगजाइइटी, एडाप्टोजेनिक, एनाल्जेसिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-पायरेटिक के रूप में उपयोग किया जाता है। इसका डायरिया रोधी, अल्सर रोधी, रोगाणुरोधी और कैंसर रोधी रूप में उपयोग अच्छी तरह से स्थापित हो चुका है।

Note-

डायबिटीज Diabetes के रोगी गिलोय Giloy  का प्रयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें
गर्भवती महिलाएं  या गिलोय का सेवन करने से पहले डॉक्टरी राय जरूर ले
जिनको blood मे शर्करा कम हो अर्थात hypoglycemia हो उनको गिलोय का उपयोग नहीं करना चाहिए या अल्प मात्रा मे करना चाहिए क्योंकि गिलोय blood sugar को कम करता है।
जिनकी सर्जरी होनी हो या हो चुकी हो और घाव हो वह गिलोय का सेवन ना करें या डॉक्टर को पूछ कर ही करें
अगर आपको गिलोय का अधिक दिनों तक या ज्यादा मात्रा मे या किसी विशेष प्रयोजन से उपयोग करना हो तो डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
यदि आप को बुखार काफी समय से है तो गिलोय Giloy  का सेवन करने से पहले डॉक्टर से जरूर पूछें

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डॉ, मनवर सिंह BAMS