आईआईटी कानपुर के 54वें दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री ने लॉन्च किया ब्लॉकचेन-आधारित डिजिटल डिग्री
आईआईटी कानपुर के 54वें दीक्षांत समारोह में 28 दिसंबर को प्रधानमंत्री ने ब्लॉकचेन-आधारित डिजिटल डिग्री को लॉन्च किया,ये डिजिटल डिग्री विश्व स्तर पर सत्यापित की जा सकती है नही इस डिजिटल डिग्री की फर्जी कॉपी नहीं बनाई जा सकती। ब्लॉकचेन पर डिजिटल दस्तावेज पूरी तरह सुरक्षित होती हैं। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी दरअसल डाटा ब्लॉक्स पर आधारित एक्सचेंज की प्रक्रिया है।ये सभी ब्लॉक्स एनक्रिप्टेड होते हैं, इनमें स्टोर डाटा चोरी नहीं किया जा सकता।
54वें दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री ने संबोधित करते हुए कहा- 21वीं सदी पूरी तरह प्रौद्योगिकी से संचालित है। इस दशक में भी प्रौद्योगिकी अलग – अलग क्षेत्रों में अपना दबदबा और बढ़ाने वाली है। बिना प्रौद्योगिकी के जीवन अब एक तरह से अधूरा ही होगा। उन्होंने छात्रों से इस बात की कामना की कि वे जीवन और प्रौद्योगिकी की स्पर्धा के इस युग में जरूर आगे निकलेंगे।
प्रधानमंत्री ने देश की सोच के बारे में अपने आकलन से छात्रों को अवगत कराया। उन्होंने कहा, “जो सोच और मनोवृत्ति आज आपकी है, वही देश की भी है। पहले अगर सोच काम चलाने की होती थी, तो आज सोच कुछ कर गुजरने की, काम करके नतीजा लाने की है। पहले अगर समस्याओं से पीछा छुड़ाने की कोशिश होती थी, तो आज समस्याओं के समाधान के लिए संकल्प लिए जाते हैं।
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प्रधानमंत्री ने उस गंवाए गए समय पर क्षोभ व्यक्त किया जिसका उपयोग आजादी की 25वीं वर्षगांठ के बाद से राष्ट्र निर्माण में किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा, “जब देश की आजादी को 25 साल पूरे हुए, तब तक हमें भी अपने पैरों पर खड़े होने के लिए बहुत कुछ कर लेना चाहिए था। तब से लेकर अबतक बहुत देर हो चुकी है, देश बहुत समय गंवा चुका है। बीच में, 2 पीढ़ियां चली गईं। इसलिए, हमें 2 पल भी नहीं गंवाना है।
प्रधानमंत्री ने छात्रों को सलाह दी कि वे चुनौती के बजाय आराम को न चुनें। प्रधानमंत्री ने कहा, क्योंकि, आप चाहें या न चाहें, जीवन में चुनौतियां आनी ही है। जो लोग उनसे भागते हैं वो उनका शिकार बन जाते हैं। लेकिन अगर आप चुनौतियों की तलाश में हैं, तो आप शिकारी हैं और चुनौती आपके लिए शिकार के समान है।
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