केदारनाथ धाम के कपाट विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए हुए बंद,
उत्तराखंड चार धामों में प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग केदारनाथ धाम के कपाट आज प्रात: 8 बजे भैया दूज के अवसर पर विधि-विधान से शीतकाल के लिए बंद किये गए हैं, केदारनाथ धाम में देश के कौन कौने से हज़ारों श्रद्धालु पहुँचे हुए थे, सेना के बैंड बाजों की भक्तिमय धुनों के साथ कपाट बंद होने के बाद पंचमुखी विग्रह मूर्ति विभिन्न पड़ावों से होते हुए शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में विराजमान होंगे।
इन्हें भी पढ़ें-
अपने घर के मंदिर में पूजा और ध्यान रखने वाली जरूरी बातें
पहाड़ों की महिलाएं कैसे काम करती-himalayan women lifestyle
सर्दियों में ड्राई स्किन से बचें -10 Tips prevent dry skin
नोनी फल का जूस पीने के 9 फायदे – 9 Benefits of Noni Juice
आज सुबह भैया दूज पर्व पर वृश्चिक राशि अनुराधा नक्षत्र में समाधि पूजा-प्रक्रिया के पश्चात विधि-विधान से शीतकाल के लिए बंद किये गए। बर्ह्ममुहुर्त से कपाटबंद होने की प्रक्रिया शुरू हो गयी थी। प्रात: 6 बजे पुजारी बागेश लिंग ने केदारनाथ धाम के दिगपाल भगवान भैरवनाथ का आव्हान कर धर्माचार्यों की उपस्थिति में स्यंभू शिव लिंग को विभूति तथा शुष्क फूलों से ढककर समाधि रूप में विराजमान किया। इसके बाद ठीक प्रातः 8 बजे मुख्य द्वार के कपाट शीतकाल हेतु बंद कर दिये गये। सर्दियों में केदारनाथ धाम और मध्यमेश्वर के कपाट बंद हो जाते हैं| तो दिव्य चल विग्रह डोली ऊखीमठ ओंकारेश्वर मन्दिर के गर्भ गृह में स्थापित कि जाती हैऔर 6 महीने यहीं पर पूजा अर्चना की जाती है,
Documentary film
Omkareshwar Temple Ukhimath Uttarakhand-ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ