पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में शामिल हुए राष्ट्रपति

हरिद्वार में पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने रविवार 28 नवंबर, 2021भाग लिया, इस अवसर पर राष्ट्रपति ने संबोधित करते हुए कहा कि योग को लोकप्रिय बनाने में स्वामी रामदेव का असीम योगदान है। उन्होंने अनगिनत आम लोगों को योग अभ्यासों से जोड़कर लाभान्वित किया है। राष्ट्रपति ने कहा कि कुछ लोगों की यह भ्रांति है कि योग किसी विशेष पंथ या धर्म से जुड़ा है लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। सही मायने में योग तन और मन को स्वस्थ रखने की एक पद्धति है। यही कारण है कि दुनिया भर में जीवन के सभी क्षेत्रों और विचारधारा वाले लोगों द्वारा योग को अपनाया गया है। उन्होंने स्मरण किया कि उन्होंने सूरीनाम की अपनी राजकीय यात्रा के दौरान 2018 में सूरीनाम के राष्ट्रपति के साथ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया था। उन्होंने यह भी स्मरण किया कि अरब योग फाउंडेशन की संस्थापक, सुश्री नौफ मारवाई को योग के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 2018 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। उन्होंने कहा कि उनकी मान्यता के अनुसार योग सबके लिए है, योग सबका है।

इन्हें भी पढ़ें-

अपने घर के मंदिर में पूजा और ध्यान रखने वाली जरूरी बातें

पहाड़ों की महिलाएं कैसे काम करती-himalayan women lifestyle

सर्दियों में ड्राई स्किन से बचें -10 Tips prevent dry skin

नोनी फल का जूस पीने के 9 फायदे – 9 Benefits of Noni Juice

राष्ट्रपति ने कहा कि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान ने कई उपकरणों की मदद से उपचार के क्षेत्र में आश्चर्यजनक प्रगति की है। हालांकि, आयुर्वेद और योग-विज्ञान ने ब्रह्मांड द्वारा विकसित सर्वोत्तम उपकरण यानी मानव शरीर पर गहराई से विचार और शोध किया है और शरीर के माध्यम से ही इसने उपचार के प्रभावी तरीके विकसित किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रकृति के साथ मानव का सामंजस्यपूर्ण जुड़ाव ही आयुर्वेद और योग का लक्ष्य है तथा इस समरसता के लिए यह आवश्यक है कि हम सभी प्रकृति के अनुसार जीवन शैली अपनाएं और प्राकृतिक नियमों का उल्लंघन न करें। प्राकृतिक उत्पादों का प्रयोग सभी के लिए लाभदायक होगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय स्वदेशी उद्यमशीलता और रोजगार सृजन के विचार पर आधारित शिक्षा प्रदान कर भावी पीढ़ी को राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार कर रहा है। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि पतंजलि ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में ‘भारतीयता पर आधारित उद्यम’ और ‘उद्यम पर आधारित भारतीयता’ विकसित हो रही है।

राष्ट्रपति ने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय हमारे सुसंगत पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक विज्ञान के साथ जोड़कर भारत को एक ‘ज्ञान महाशक्ति’ बनाने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति द्वारा निर्धारित मार्ग पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय द्वारा किए गए प्रयासों से भारतीय ज्ञान-विज्ञान, विशेष रूप से आयुर्वेद और योग को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में विश्व मंच पर एक प्रमुख स्थान अर्जित करने में सहायता मिलेगी।

इन्हें भी पढ़ें-

घर पर बनाएं पाव भाजी रेसिपी- Pav Bhaji recipe

कार्तिक महीना क्यों खास है हिंदू धर्म में-जाने जरूरी जानकारी

त्रिजुगी नारायण मंदिर- world oldest religious Temple-Kedarnath

राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि पतंजलि विश्वविद्यालय ने अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि इस पहल के माध्यम से भारतीय मूल्यों और ज्ञान परंपरा को दुनिया भर में विस्तारित किया जा सकता है। यह 21वीं सदी के नए भारत के उदय में इस विश्वविद्यालय का विशेष योगदान होगा।
इस तथ्य की ओर इंगित करते हुए कि पतंजलि विश्वविद्यालय में छात्राओं की संख्या छात्रों से अधिक है, राष्ट्रपति ने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि हमारी बेटियां परंपरा के आधार पर आधुनिक शिक्षा के प्रसार में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इन्हीं छात्राओं में से आधुनिक युग की गार्गी, मैत्रेयी, अपाला, रोमाशा और लोपामुद्रा उभरेंगी जो विश्व के मंच पर भारतीय ज्ञान की श्रेष्ठता स्थापित करेंगी।

Documentary film .

World’s Highest lord Shiva temple Uttarakhand Chopta Tungnath | PART -2

Documentary Film on Traditional Culture, rural life Uttarakhand | गांव में दादाजी की बरसी, PART-2