बच्चों को मोटरसाइकिल पर बैठा कर ले जाने से पहले पढ़लें ये नियम क्रैश हेलमेट लगाना जरूरी और रखनी होगी ये स्पीड
बाइक पर बच्चे को बैठा कर ले जाने का नया नियम पढ़ लें क्रैश हेलमेट लगाना जरूरी और रखनी होगी ये स्पीड
मोटर वाहन अधिनियम की धारा 129 में कुछ सुधार किए गए हैं. यह सुधार मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 को लेकर है. इस धारा में दूसरा प्रावधान यह है कि केन्द्र सरकार नियमों द्वारा मोटर साइकिल पर सवारी करने वाले या ले जाये जा रहे चार साल से कम उम्र के बच्चों की सुरक्षा के उपाय उपलब्ध करा सकती है।
इस धारा में एक प्रावधान यह है कि केंद्र सरकार अपने नियमों के जरिये मोटर साइकिल पर सवारी करने वाले या ले जाए जा रहे चार साल से कम उम्र के बच्चों की सुरक्षा के उपाय उपलब्ध करा सकती है. इस प्रावधान को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कुछ नए नियम बताए हैं. हालांकि अभी ये मसौदा नियम हैं, लेकिन कई मायनों में महत्वपूर्ण हैं.
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क्या है मसौदा नियम
मोटरसाइकिल चलाने वाला ये तय करेगा कि उसके पीछे बैठे 9 महीने से 4 वर्ष तक की आयु के बच्चे का हेलमेट पहनना जरूरी है अपना क्रैश हेलमेट भी वो हो जो भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) 2016 के तहत निर्धारित गाइडलाइंस से अप्रूव हो उसके सिर पर फिट बैठता हो. यदि ऐसा नही होता है तो चालक के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है,साथ ही वो मोटरसाइकिल की स्पीट 40 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिए.
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का ट्वीट
इस बारे में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक ट्वीट किया है. इसमें कहा गया है कि ड्राइवर से बच्चे को जोड़ने के लिए एक सेफ्टी हार्नेस (सुरक्षा उपकरण) लगाना जरूरी है. यह सेफ्टी हार्नेस दोनों को जोड़े रखेगा ताकि मोटरसाइकिल चलाने के दौरान बच्चा गिरे नहीं. अगर बच्चा 9 महीने से 4 साल के बीच का है तो उसे क्रैश हेलमेट लगाना जरूरी होगा. बाइक की स्पीड भी 40 किमी के अंदर ही रखना है.
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