रक्षा मंत्री ने अरूणाचल प्रदेश में तीसरी कॉर्प के अग्रिम इलाकों का दौरा किया वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे इलाकों में देश की रक्षा तैयारियों का जायजा लिया
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 29 सितंबर 2022 को अरूणाचल प्रदेश की दिवांग घाटी के अनिनि गांव में तीसरी कॉर्प के अग्रिम इलाकों का दौरा किया। उन्होंने वास्तविक नियंत्रण रेखा के नजदीक के क्षेत्र में सुरक्षा संबंधी सभी पहलुओं का जायजा लिया और देश की रक्षा तैयारियों का स्थल पर जाकर आकलन किया। रक्षामंत्री ने इन इलाकों में तैनात जवानों से भी बातचीत की। उनके साथ इस मुहिम पर थल सेना अध्यक्ष जनरल मनोज पांण्डेय, पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल आर.पी. कलिता तथा भारतीय सेना के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी गए थे।
अग्रिम इलाकों के अपने दौरे के बाद रक्षा मंत्री ने असम के दीसपुर में सशस्त्र सेनाओं के कर्मियों से संवाद भी किया। अपने संबोधन में उन्होंने सीमाओं पर तैनात जवानों की प्रतिबद्धता और बलिदान की प्रशंसा की, जिन्होंने देश की अखंडता, एकता और सार्वभौमिकता की रक्षा करने में बहादुरी का परिचय दिया।
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राजनाथ सिंह ने कहा कि सशस्त्र सेनाओं की वजह से ही देश पूरी तरह सुदृढ़ और आत्मविश्वास से परिपूर्ण है। उन्होंने कहा कि 2014 में सत्तासीन होने के समय से ही सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता भारत की सैन्य क्षमता को मजबूत बनाना है और इसके लिए उसका ध्यान मुख्य रूप से तीनों सेनाओं को आत्मनिर्भर रक्षा उद्योग के जरिए स्टेट ऑफ द आर्ट हथियारों और उपकरणों से पूरी तरह सुसज्जित करने पर ही है। रक्षामंत्री ने इस तथ्य की ओर ध्यान दिलाया कि सरकार के प्रयासों से हम एक ऐसी मजबूत सैन्य क्षमता तैयार करने में कामयाब हुए हैं जो सभी प्रकार के खतरों के खिलाफ देश की रक्षा में पूरी तरह सक्षम है। उन्होंने सशस्त्र सेनाओं की इस बात के लिए सराहना की कि वे समय-समय पर अपनी क्षमता और साहस का प्रदर्शन कर देश के लोगों खासतौर से युवा वर्ग में राष्ट्रीय गौरव और देशभक्ति का जज्बा पैदा करने में सफल रही हैं।
रक्षा मंत्री ने संकेत किया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के साहसिक फैसलों और सशस्त्र सेनाओं के वीरतापूर्ण कारनामों की वजह से भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि में पूरी तरह से बदलाव आ गया है। उन्होंने कहा, “एक समय था जब भारत को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर गंभीरता से नहीं लिया जाता था। हमारे प्रधानमंत्री के द्वारा किए जा रहे प्रयासों की वजह से हम महज एक पर्यवेक्षक देश की जगह अब दृढ़तापूर्वक अपना विचार रखने वाला देश बन गए हैं। पूरे विश्व में भारतीय सेना का सम्मान है। हमारे मित्र देश उसमें भरोसा करते हैं। यही मुख्य कारण है कि भारत एक शक्तिशाली देश के रूप में उभरा है। आज हम विश्व की पाचंवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं और निरंतर मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं।”
रक्षा मंत्री ने इस दौरान अथू पोपू तक के दूसरे धार्मिक अभियान में शामिल सदस्यों से बातचीत भी की। यह अभियान स्थानीय इदू मिसमी जनजाति का एक वार्षिक अभियान है जिसे भारतीय सेना स्थानीय लोगों तक पहुंच कायम करने और पर्यटन के विकास के अपने प्रयासों के तहत 2021 से समर्थन दे रही है।