राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने कहा, विदेश नीति को आगे बढ़ाने और हमारे राष्ट्रीय हितों व वाणिज्यिक आकांक्षाओं की रक्षा करने में भारतीय नौसेना की एक बहुत बड़ी भूमिका है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने कहा, विदेश नीति को आगे बढ़ाने और हमारे राष्ट्रीय हितों व वाणिज्यिक आकांक्षाओं की रक्षा करने में भारतीय नौसेना की एक बहुत बड़ी भूमिका है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 8 दिसंबर को मुंबई स्थित नौसेना के डॉकयार्ड में आयोजित एक प्रभावशाली अधिकृत परेड में 22वें मिसाइल वेसल स्क्वाड्रन को राष्ट्रपति मानक से सम्मानित किया है। इसे भारतीय नौसेना के किलर्स स्क्वाड्रन के रूप में भी जाना जाता है। इस अवसर पर डाक विभाग द्वारा निर्मित एक विशेष दिवस आवरण और एक स्मारक डाक टिकट जारी किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने 22वीं मिसाइल वेसल स्क्वाड्रन से जुड़े सभी अधिकारियों और नाविकों को यह उपलब्धि प्राप्त करने के लिए बधाई दी।उन्होंने कहा कि स्क्वाड्रन को मानक प्रदान करना हमारे देश के लिए इसके पूर्व और मौजूदा अधिकारियों व नाविकों की उनकी असाधारण सेवा का प्रमाण है।
राष्ट्रपति ने इस बात को रेखांकित किया कि इस स्क्वाड्रन के पोतों को कई अभियानों में शामिल किया गया है। वे मिशन आधारित तैनाती के जरिए हमारी समुद्री सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं।वे ओमान की खाड़ी और फारस की खाड़ी में राजनयिक मिशन व समुद्री डकैती-विरोधी अभियान का भी संचालनकर रहे हैं।
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राष्ट्रपति ने कहा कि भारत एक समुद्री राष्ट्र है। हमारी विदेश नीति को आगे बढ़ाने और हमारे राष्ट्रीय हितों व वाणिज्यिक आकांक्षाओं की रक्षा करने में भारतीय नौसेना की एक बहुत बड़ी भूमिका है। यह एक बहुत संतुष्टि की बात है कि भारतीय नौसेना संकल्प और दृढ़ता के साथ हमारे व्यापक समुद्री हितों की सफलतापूर्वक रक्षा कर रही है। उन्होंने कहा कि वैश्विक समुद्री व्यापार का एक बड़ा हिस्सा हिंद महासागर के क्षेत्र से होकर गुजरता है।इसे देखते हुए न केवल हमारे लिए बल्कि पूरे वैश्विक समुदाय के लिए भी इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखना सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।राष्ट्रपति ने आगे कहा कि हमारे समुद्री पड़ोसी देश आजविश्व की सबसे बड़ी नौसेनाओं में से एक भारतीय नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र में एक पसंदीदा सुरक्षा भागीदार के रूप में देखते हैं।
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राष्ट्रपति ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उभरती भू-राजनीतिक चुनौतियां भारत की एक महत्वपूर्ण भूमिका तय करती हैं। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि इस क्षेत्र की अग्रणी नौसेनाओं में से एक के रूप मेंभारतीय नौसेना ने सभी क्षेत्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भागीदारों के साथ हमारे संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं।
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