वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया 25वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 25वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव उद्घाटन किया, आज के दिन स्वामी विवेकानन्द की जयंती है, जिसे राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। प्रधानमंत्री ने ओपन एयर थियेटर युक्त एक प्रेक्षागृह पेरुनथलैवर कामराजर मनीमण्डपम का भी उद्घाटन किया, जिसे लगभग 23 करोड़ रुपये की लागत से पुडुचेरी सरकार ने निर्मित किया है।
इस दौरान संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा आप सभी को राष्ट्रीय युवा दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं!भारत मां की महान संतान स्वामी विवेकानंद को उनकी जयंती पर मैं नमन करता हूं।आज़ादी के अमृत महोत्सव में उनकी जन्मजयंती और अधिक प्रेरणादायी हो गई है हम इसी वर्ष श्री ऑरबिंदो की 150वीं जन्मजयंति मना रहे हैं और इस साल महाकवि सुब्रमण्य भारती जी की भी 100वीं पुण्य तिथि है।
इन्हें भी पढ़ें-
कन्यादान न किया हो तो तुलसी विवाह करके ये पुण्य अर्जित करें,
कोटेश्वर महादेव गुफा रुद्रप्रयाग,Koteshwar Mahadev Cave
Skincare advantage of tea tree oil, टी ट्री ऑयल त्वचा की देखभाल करें
राजगीर बिहार में घूमने लायक एक सुंदर जगह जो कश्मीर की तरह दिखता है
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा इन दोनों मनीषियों का, पुदुचेरी से खास रिश्ता रहा है।ये दोनों एक दूसरे की साहित्यिक और आध्यात्मिक यात्रा के साझीदार रहे है आज दुनिया भारत को एक आशा की दृष्टि से, एक विश्वास की दृष्टि से देखती है।क्योंकि, भारत का जन भी युवा है, और भारत का मन भी युवा है।भारत अपने सामर्थ्य से भी युवा है, भारत अपने सपनों से भी युवा है।भारत अपने चिंतन से भी युवा है, भारत अपनी चेतना से भी युवा है,
भारत के युवाओं के पास डेमोग्राफिक डिविडेंड के साथ साथ लोकतांत्रिक मूल्य भी हैं, उनका डेमोक्रेटिक डिविडेंड भी अतुलनीय है।भारत अपने युवाओं को डेमोग्राफिक डिविडेंड के साथ साथ डवलपमेंट ड्राइवर भी मानता है आज भारत के युवा में अगर टेक्नालजी का charm है, तो लोकतन्त्र की चेतना भी है। आज भारत के युवा में अगर श्रम का सामर्थ्य है, तो भविष्य की स्पष्टता भी है। इसीलिए, भारत आज जो कहता है, दुनिया उसे आने वाले कल की आवाज़ मानती है
प्रधानमंत्री ने कहा आज़ादी की लड़ाई में हमारे ऐसे अनेक सेनानी रहे हैं, जिनके योगदान को वो पहचान नहीं मिल पाई, जिसके वो हकदार थे। ऐसे व्यक्तियों के बारे में हमारे युवा जितना ज्यादा लिखेंगे, रिसर्च करेंगे, उतना ही देश की आने वाली पीढ़ियों में जागरूकता बढ़ेगी,
Documentary film .
उत्तराखंड में महाभारत में चक्रव्यूह का मंचन-culture documentary