DRDO द्वारा ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर की पहली सफल उड़ान का आयोजन
DRDO-रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर की पहली उड़ान का 1 जुलाई 2022 को वैमानिकी परीक्षण रेंज, चित्रदुर्ग, कर्नाटक से सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। पूरी तरह स्वायत्त मोड में संचालन करते हुए इस विमान ने एक आदर्श उड़ान का प्रदर्शन किया जिसमें टेक-ऑफ, वे पॉइंट नेविगेशन और एक आसान टचडाउन शामिल रहे। यह उड़ान भविष्य के मानव रहित विमानों के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों को साबित करने के मामले में एक प्रमुख उपलब्धि है और यह सामरिक रक्षा प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस मानव रहित वायुयान को वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (एडीई), बेंगलुरु द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है, जो डीआरडीओ DRDO की एक प्रमुख अनुसंधान प्रयोगशाला है। यह एक छोटे टर्बोफैन इंजन द्वारा संचालित होता है। विमान के लिए उपयोग किए जाने वाले एयरफ्रेम, अंडर कैरिज और संपूर्ण उड़ान नियंत्रण और एवियोनिक्स सिस्टम स्वदेशी रूप से विकसित किए गए हैं।
Kali mata mandir Royal city Patiala
चम्बा उत्तराखंड का खुबसूरत पर्यटक स्थल में से एक है
शरद पूर्णिमा मां लक्ष्मी किन घरों में आती और खीर का महत्व
गुरुद्वारा दुःखनिवारण साहिब जी पटियाला | Shri Dukh Niwaran Sahib Ji Patiala
पहाड़ों की महिलाएं कैसे काम करती-himalayan women lifestyle
Natural Protein Facial Peck for Dry Skin | नेचुरल फेस पेक
gaay ka ghee ke fayde | Amazing Ayurvedic benefits of cow ghee
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ को बधाई देते हुए कहा कि यह स्वायत्त विमानों की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है और इससे महत्वपूर्ण सैन्य प्रणालियों के रूप में ‘आत्मनिर्भर भारत’ का मार्ग भी प्रशस्त होगा।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने इस प्रणाली के डिजाइन, विकास और परीक्षण से जुड़ी टीमों के प्रयासों की सराहना की।